क्या आप इन्वर्टर बैटरी में आरओ (RO) का पानी डाल सकते हैं?
क्या आपने कभी सोचा है कि इन्वर्टर बैटरी में किस प्रकार का पानी डाला जाए?
कई लोग अपने इन्वर्टर बैटरी में आरओ (RO) का पानी डालने का विचार करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि RO का पानी इन्वर्टर बैटरी के लिए सही नहीं है?
इस लेख में, हम विस्तार से जानेंगे कि इन्वर्टर बैटरी में आरओ (RO) पानी का उपयोग क्यों उचित नहीं है और आपको किस प्रकार का पानी उपयोग करना चाहिए।
पहले इन्वर्टर बैटरियों को समझते है
भारत में उपयोग की जाने वाली अधिकांश इन्वर्टर बैटरियां लेड-एसिड (Lead-Acid) बैटरियां हैं। ये बैटरियां रासायनिक क्रियाओं के जरिए काम करती हैं और इनमें इस्तेमाल किया गया पानी इन रासायनिक क्रियाओं में अहम भूमिका निभाता है।
लेड (Lead) और सल्फ्यूरिक एसिड (sulfuric acid) सभी लेड-एसिड बैटरियों के मुख्य घटक हैं। एक नई बैटरी में आम तौर पर सल्फ्यूरिक एसिड और पानी का घोल 3:1 के अनुपात में डाला जाता है।
समय के साथ, गर्मी और लगातार रासायनिक क्रियाओं के कारण बैटरी के अंदर का पानी सूख जाता है। बैटरी के उचित कामकाज और लंबे जीवन के लिए, जब भी पानी का स्तर न्यूनतम स्तर से नीचे चला जाए तो आपको इसमें पानी डालना चाहिए।
लेकिन ध्यान रहे यह पानी अपने शुद्धतम रूप में होना चाहिए जिसमें कोई घुलनशील ठोस पदार्थ न हो। क्योंकि पानी में उपस्तिथ अशुद्धियाँ बैटरी के अंदर होने वाली रासायनिक प्रक्रियाओं पर प्रभाव डालती है और ये अशुद्धियाँ लेड की प्लेट पर जम जाती हैं जिस वजह से बैटरी समय से पहले ख़राब हो जाती है।
आरओ पानी और इसकी विशेषताएं
रिवर्स ऑस्मोसिस भारत में सबसे लोकप्रिय जल शोधन विधि है, जो अशुद्धियों और दूषित पदार्थों को फ़िल्टर करके स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल सुनिश्चित करती है।
आरओ प्यूरीफायर में इस्तेमाल होने वाली आरओ मेम्ब्रेन (RO Membrane) पानी के टीडीएस स्तर (TDS level) को 90-99% तक कम कर देती है। पर आपको एक बात पर गौर करना चाहिए, सबसे प्रभावी आरओ मेम्ब्रेन भी पानी में मौजूद घुलनशील ठोस पदार्थों को 100 प्रतिशत नहीं निकाल सकती है।
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शुद्ध किये जाने वाले पानी के टीडीएस स्तर के आधार पर, आरओ पानी का टीडीएस स्तर आम तौर पर 50-150 पीपीएम होता है।
इसका मतलब है कि आरओ पानी में कम मात्रा में ही सही पर घुले हुए ठोस पदार्थ होते हैं।
लेकिन क्या इस पानी का उपयोग इन्वर्टर बैटरी में किया जा सकता है?
आरओ का पानी बैटरी के लिए उपयुक्त क्यों नहीं है?
कुछ लोग जरूरत पड़ने पर बैटरी में आरओ का पानी डालने की सलाह देते हैं।
हालाँकि, वे नहीं जानते कि आरओ पानी का टीडीएस लेवल (TDS level) बैटरी/डिस्टिल्ड पानी से बहुत अधिक होता है।
अपनी प्रभावशाली शुद्धिकरण क्षमताओं के बावजूद, आरओ पानी इन्वर्टर बैटरी की कठोर आवश्यकताओं को पूरा करने में विफल रहता है। आरओ पानी में घुले हुए ठोस पदार्थों की मौजूदगी (निम्न स्तर पर भी), समय के साथ बैटरी के लिए हानिकारक परिणाम पैदा कर सकती है।
बैटरी में आरओ या नल का पानी इस्तेमाल करने से आपकी बैटरी की लाइफ काफी कम हो जाती है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि आरओ पानी में धातु और खनिज न केवल बैटरी के अंदर रासायनिक प्रतिक्रिया में बाधा डालते हैं बल्कि लेड की प्लेटों पर भी जमा हो जाते हैं। इससे बैटरी का जीवन और क्षमता कम हो जाती है। ऐसी बैटरी को चार्ज होने में अधिक समय लगता है, जिसके परिणामस्वरूप बिजली की बर्बादी होती है।
यदि आप चाहते हैं कि आपके इन्वर्टर की बैटरी अधिक समय तक चले तो इन्वर्टर बैटरी में डिस्टिल्ड पानी डालना ही सबसे अच्छा विकल्प है।
डिस्टिल्ड पानी क्या है?
डिस्टिल्ड पानी बनाने के लिए सबसे पहले साधारण जल को गर्म करके भाप में परिवर्तित किया जाता है। फिर इस भाप को एकत्र कर ठंडा किया जाता है।
डिस्टिल्ड पानी पानी का सबसे शुद्ध रूप है क्योंकि इसमें किसी भी प्रकार की घुली हुई अशुद्धियाँ नहीं होती हैं।
इसीलिए डिस्टिल्ड पानी का टीडीएस 0-0.5 पीपीएम होता है।
यह पानी इन्वर्टर बैटरी के अंदर रासायनिक प्रतिक्रिया को प्रभावित नहीं करता है और इसलिए सबसे अच्छा है।
निष्कर्ष
आप अपनी इन्वर्टर बैटरी के लिए जो पानी चुनते हैं, वह उनकी लंबी उम्र और दक्षता निर्धारित करने में एक महत्वपूर्ण कारक बनता है। निसंदेह आरओ का पानी हमारे घरों में शुद्धता का पर्याय बन गया है, परन्तु यह इन्वर्टर बैटरी के लिए आदर्श उपयुक्त नहीं है।
डिस्टिल्ड पानी ही पानी का सबसे शुद्ध रूप है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि यह बैटरी के भीतर होने वाली आवश्यक रासायनिक प्रक्रियाओं को बाधित नहीं करता है।